तुम्हे बारिश बन शुष्क भूतल कणों का श्रंगार करना होगा तृप्त हो जाये मन मेरा तुमको इस तरह प्यार करना ... तुम्हे बारिश बन शुष्क भूतल कणों का श्रंगार करना होगा तृप्त हो जाये मन मेरा तुमक...
आँखों से ही कहना हम मुक़म्मल हो जायेंगे ! आँखों से ही कहना हम मुक़म्मल हो जायेंगे !
झूठलाने की खुद को, कोशिश बेकार क्यूं करते हो....। झूठलाने की खुद को, कोशिश बेकार क्यूं करते हो....।
पड़ोस वाले पप्पू को तो भ्रष्टाचार हो गया। पड़ोस वाले पप्पू को तो भ्रष्टाचार हो गया।
कभी हँसी साथ, कभी उड़ते जज़्बात, अब जब वक़्त खत्म, निकले गुस्से का रेल।। कभी हँसी साथ, कभी उड़ते जज़्बात, अब जब वक़्त खत्म, निकले गुस्से का रेल।।
तुमसे कोई भी सिफारिश की हैं क्या कभी आदतन कैसे ये आँखें भी दीदार सी हो गयी। तुमसे कोई भी सिफारिश की हैं क्या कभी आदतन कैसे ये आँखें भी दीदार सी हो गयी।