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Shaimee Oza

Others Others

3.3  

Shaimee Oza

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खुद के लिए लिखी गई कविता

खुद के लिए लिखी गई कविता

1 min
376


दिल को जूनून चढ़ गया उड़ान भरने का,

हवा के संग खेलती रहूं ,

पानी की तरह बहती रहूं ,


ईमानदारी से बहुत जी लिया,

अब थोडी शैतानी कर लूँ .


जिंदगी सुनी है प्यार के बीना,

तुमे तो बहुत ढूंढा मैने,

आज खुद को ढूढ़ लूँ .


प्यार को पाने के सपने बहुत सजायें,

आज खुद को ही थोड़ा प्यार कर लूँ


फ़ितूर चढ़ा ख़ुशामद का ,

क्यों न थोड़ी खुद की ख़ुशामद हो जाए.




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