अकुलाई सी शुष्क धरा पर, जब रिमझिम बूंदे आती। अहा! सुहाना दृश्य देखकर, मन कलियाँ खिलती जाती। नि... अकुलाई सी शुष्क धरा पर, जब रिमझिम बूंदे आती। अहा! सुहाना दृश्य देखकर, मन कलिय...
चंदन-मूरत गुड़िया सलोनी कमल सी कोमल परियों की रानी झूलती बाहों में कली मुस्काती माथे डिठौना ... चंदन-मूरत गुड़िया सलोनी कमल सी कोमल परियों की रानी झूलती बाहों में कली मुस्...
बेटी बनकर जन्म लेती, बहू बनकर निखरती नारी। फिर बच्चे को जन्म देकर, माँ कहलाती समाज में नारी... बेटी बनकर जन्म लेती, बहू बनकर निखरती नारी। फिर बच्चे को जन्म देकर, माँ ...
फूलों की क्यारी फूलों की क्यारी
कैद हूं पर कई सीमाओं में। यूं ही, जान मैं सब पे वारी हूं, मैं नारी हूं। कैद हूं पर कई सीमाओं में। यूं ही, जान मैं सब पे वारी हूं, मैं नारी हूं।
यारा! वो क्यारी की तुलसी निकली यारा! वो क्यारी की तुलसी निकली