निर्मल काया मन पावन सी वो "स्वाति" सरल कहलाये। निर्मल काया मन पावन सी वो "स्वाति" सरल कहलाये।
चंदन-मूरत गुड़िया सलोनी कमल सी कोमल परियों की रानी झूलती बाहों में कली मुस्काती माथे डिठौना ... चंदन-मूरत गुड़िया सलोनी कमल सी कोमल परियों की रानी झूलती बाहों में कली मुस्...
क्योंकि तेरी एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं। क्योंकि तेरी एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं।
कविता में मेरे तुम वीणा की झनकार कर दो। कविता में मेरे तुम वीणा की झनकार कर दो।
मन में वीणा बाजे जैसे हृदय में तुम बसते ऐसे। मन में वीणा बाजे जैसे हृदय में तुम बसते ऐसे।
फिर मेरा मन भी ठीक वैसे ही पिघलता रहा जैसे शमा पिघलती है फिर मेरा मन भी ठीक वैसे ही पिघलता रहा जैसे शमा पिघलती है