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Indu Barot

Others

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सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना

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हे शारदा, हे हंसवाहिनी....

ज्ञान का भण्डार कर तुम, शब्दों में प्रकाश भर दो !

मन में विश्वास कर तुम, काव्य शक्ति का संचार कर दो !

हे सरस्वती, हे वागीश्वरी....


धीर और गम्भीर कर तुम,संयम,सत्य और स्नेह का वर दो !

घट घट में मेरे ज्ञान भर तुम स्वप्न मेरे साकार कर दो !

हे ब्रह्मचारिणी, हे वरदायीनी...


हटा कर तिमिर जीवन में तुम नव मार्ग दो !

ज्ञान सुधा बरसा कर तुम लेखनी को नव आयाम दो !

हे भारती, हे भुवनेश्वरी...


कण्ठ में मेरे बसकर तुम स्वरों को श्रृंगार दो !

कविता में मेरे तुम वीणा की झनकार कर दो।


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