न्याय
न्याय
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आज कर रही है निर्भया इस न्याय का आभार,
है वो इस देश की भी शुक्रगुज़ार ।
जिन क्रूर हाथों ने छीन लिया था उसके नारित्व, आत्मसम्मान को,
सही अर्थ में मिली है श्रद्धांजली आज उसके हर अपमान को।
वो ज़िन्दा है देश की हर बेटी में ,माँ के विश्वास में और पिता की आस में।
आज इक इतिहास लिखा है,
न्याय के प्रति विश्वास जगा है।
भूलेंगे नहीं अब निर्भया को हम और तुम,
क़सम खातें हैं ,ना होने देगें किसी बेटी का जीवन अंधेरे में गुम।
असली न्याय तो बस अब है यही ,कोई ओर निर्भया अब बने नहीं।
