पत्रकार
पत्रकार
लोक तंत्र का चौथा स्तंभ हूँ
उदन्त मार्तण्ड से प्रारंभ हूँ
चलता फिरता चैनल और अख़बार हूँ
हॉं मैं पत्रकार हूँ।
माइक, केमरा और कलम ही मेरी पहचान है
जनता करती सम्मान तो कभी अपमान है
मैं तो जनता की पहरेदार हूँ
हॉं मैं पत्रकार हूँ।
निस्पक्ष सत्य को सदा सामने रखती हूँ
कटु सत्य का साक्षात्कार मैं करती हूँ
मैं शब्दों की काश्तकार हूँ
हॉं मैं पत्रकार हूँ।
कभी व्यवस्था के साथ तो
कभी व्यवस्था के ख़िलाफ़ मैं रहती हूँ
रणन
ीति तो कभी राजनीति मैं लिखती हूँ
फिर भी जनता के ग़ुस्से का होती मैं शिकार हूँ ।
हाँ मैं पत्रकार हूँ
राजनीतिक,सामाजिक लोगों से मिलती
कभी इतिहास,कभी आर्थिक चर्चा करवाती।
मनोरंजन से जनता को बहलाती।
मैं तो मंच की किरदार हूँ
हाँ मैं पत्रकार हूँ।
देश के हर अच्छे बुरे
हाल को घर घर पहुँचाती हूँ
कल आज और कल दिखलाती हूँ
राष्ट्र के प्रति सदा निष्ठा मैं रखती हूँ
मैं सत्य का कड़ा प्रहार हूं
हाँ मैं पत्रकार हूँ।