माँ और बेटी
माँ और बेटी

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माँ, तेरी अनसुनी कहानी हूँ मैं,
तेरी कहानियों की रानी हूँ मैं,
तेरी बेटी हूँ, इसलिए रोना नहीं,
क्योंकि तेरी एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं।
जल जाए दीपक ऐसी बाती है तू,
पर उसी दीपक को
जलाने वाली एक तिल्ली हूं मैं,
बुझना तो जीवन में लिखा ही है,
जलाने के लिए ही तो जन्मी हूं मैं।
बेटी-बेटी करके आवाज़ जब तू लगाये,
तब तेरे कण्ठ की वाणी हूँ मैं,
माँ तेरी अनसुनी कहानी हूँ मैं,
तेरी कहानियों की रानी हूँ मैं,
तेरी बेटी हूँ इसलिए रोना नहीं,
क्योंकि तेरी एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं।