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Vikram Kumar

Romance

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Vikram Kumar

Romance

तुम्हारे लिए

तुम्हारे लिए

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तारे आंखों के झिलमिल तुम्हारे लिए

अब तो बेचैन ये दिल तुम्हारे लिए

ना ही धन ना ही दौलत न सोना चांदी

दिल दीवानों में शामिल तुम्हारे लिए


बागों में हैं बहारें तुम्हारे लिए

हैं हसीं ये नजारे तुम्हारे लिए

प्रेम की एक अगन में है जलता ये दिल

उस अगन में शरारे तुम्हारे लिए

ये फिजां भी है रंगीं तुम्हारे लिए


चांद तारों की महफिल तुम्हारे लिए

दिल दीवानों में शामिल तुम्हारे लिए


राग में रागनी है तुम्हारे लिए

हर तरफ रौशनी है तुम्हारे लिए

बसी कुदरत में भी तेरी है झलक

चांद की चांदनी है तुम्हारे लिए


हर रस्ता और मंजिल तुम्हारे लिए

दिल दीवानों में शामिल तुम्हारे लिए।


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