तूफान
तूफान
जाने किस घड़ी और पहर का अंजाम है,
मेरे अंदर भी एक तूफान है।
आंखें खुली और चलना भी सीख लिया,
बहुत कुछ देकर जिंदगी ने कुछ ले लिया।
यही शायद इसका मुकाम है,
मेरे अंदर उमड़ रहा एक तूफान है।
इस दर्पण में कई अक्श मैने देखा हैं,
छिपा हुआ इसमें हर लेखा-जोखा है।
हर अक्श में ढलना ही सही इंतकाम है
मेरे अंदर भी एक तूफान हैं।
हर इक टूटे सपने को संजो के रखा है,
शांति से सफलता का राज सीखा है।
जैसे मुठ्ठी से फिसलती रेत है,
वैसे ही शांति तूफान का संकेत है।
अचानक से था यह तूफान आया,
मैं बच गई पर सपनों को लेकर गया।
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता,
कुछ ऐसा संदेशा मुझे देकर गया।
हमें तोड़कर मुस्कुराना उनका काम है,
मेरे अंदर भी एक तूफान है।।