Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonam Kewat

Romance Tragedy

4  

Sonam Kewat

Romance Tragedy

रूह तक उतर जाने दो

रूह तक उतर जाने दो

1 min
291


जिस्म पर घाव नहीं लगा पर 

मन को थोड़ा संभल जाने दो 

थोड़ी गहराई से समझना है तुम्हें 

तो मुझे रुह तक उतर जाने दो 


गर में पहुंची रूह तक तो 

हर दर्द को चकनाचूर कर दूंगी 

पाने और खोने का पता नहीं पर 

डर तो सारे दूर कर दूंगी 


सरे आम ना रख घाव अपना 

पर मुझसे छुपाना भी ठीक नहीं 

मैंने तो मरहम बनना सीखा है 

छोड़ो जाने दो अगर कोई तकलीफ नहीं


तुझसे मिली नहीं कभी पर 

रूह का रूह से मिलना होता है 

एक रुह ना सो पाए आधी रातों तक 

एक को देखो कितने चैन से सोता है 


यूं हर बात में समझाया ना करो

कभी आजमा कर देखो कितनी समझदार हूं 

समझ कर भी नासमझ बन रही हूं 

जो समझ से परे जाने को भी तैयार हूं


बहुत समझाते हो ना तो सुनो

अगर आना हुआ तो बिना बुलाए आउंगी

जाना होगा तो खुद चलीं जाउंगी

तेरी मर्जी से फर्क तो बहुत पड़ता है

पर एक दिन बिना बताए रूह तक उतर जाऊंगी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance