मैं तुमसे कभी नहीं कहा पर
मैं तुमसे कभी नहीं कहा पर
मैंने तुमसे कभी नहीं कहा पर
मैं तुम्हारे सबसे करीबी एहसास का
एक हिस्सा होना चाहती हूं।
तुम्हारी जिंदगी में हजारों होंगे,
पर मैं तुम्हारे दिल का कोना चाहती हूं।
मैंने तुमसे कभी नहीं कहा पर
इन दूरियों के बाद मुझे सिर्फ
पास होने का एहसास चाहिए।
भूल जाऊं सारे गिले-शिकवे,
बस ऐसा ही लम्हा खास चाहिए।
मैंने तुमसे कभी नहीं कहा पर
मैं कुछ बिखरे हुए किस्सो को जोड़कर
कविताओं की बोल लिख रही हूं।
मुझे अपनी कीमत बढ़ानी है इसलिए
इस बार तुम्हें अनमोल लिख रही हूं।
मैंने तुमसे कभी नहीं कहा पर
अबकी बार सारी अनकही बातों को
मैं खुलकर कहना चाहती हूं।
दिल भर के सुनाऊंगी बातें सारी
और मन भर के तुम्हारी बातें सुनना चाहती हूं।
ऐसा बहुत कुछ है जो मैंने नहीं कहा..
क्योंकि कहने को मन होता था,
तो शब्द नहीं होते थे
और कभी शब्द होते थे
तो हालात नहीं होते थे
और जब कुछ सही होता था
तो हम साथ नहीं होते थे।
पर इस बार नहीं,
नहीं, अब और नहीं।
अब मैं कहना चाहती हूं,
जो मैंने कभी नहीं कहा,
अब मैं वो सब कहना चाहती हूं।

