वार और प्यार/ love and attack
वार और प्यार/ love and attack
एक प्यार कर रहा था, एक वार कर रहा था
प्यार को प्यार आता हर बात पर
वार तो बस वार ही करता रहता,
कभी चरित्र तो कभी आत्मसम्मान पर
हर बात झूठी होती तो भी प्यार
कुछ बात ना होती तो भी प्यार
बहुत कुछ दिखाना चाहता था प्यार
लेकिन कुछ भी देख ना पाता था प्यार
सोचो कि क्यों होता था इतना वार
प्यार झूठा है इस बात पर वार
प्यार में शक करने का वार
प्यार करते हो इस बात पर वार
इतने वार हुए थे इस बार कि
अब जंग छिड़ी वार और प्यार में
बस वही हुआ जो न देखा गया और
अब वार हुआ प्यार के इनकार में
ये वार था जो खुद को बचाकर और
और प्यार को सताकर चला गया
वार जीतता रहा प्यार से जंग में
इसलिए
प्यार
को हार बताकर चला गया !
