दिल के पास
दिल के पास
पल-पल बदलता वक्त ,
और हर पल तेरा साथ ,
तुम मुझसे दूर इतने ,
फिर भी दिल के कितने पास।
क़ुछ बातें ,जो मेरे दिल में हैं,
सोचता हूँ ,काग़ज़ पे उतार दूँ,
उम्र तो मेरी यूँ ही गुज़र रही है,
हो इजाज़त ,तो कुछ पल साथ गुज़ार लूँ।
देखता हूँ जब भी आईना ,
एक चेहरे की बहुत या
द आयी,
लगता है यही कही तो है वो ,पर नहीं
ऊफ ये कैसी तन्हाई ।
तुम भी अब ,बे मौसम बारिश ,
के जैसे हो जाओ ना,
निकलो घर से जब टहलने ,
मिलते तो मिलाते जाओ ना ।
ये सफ़र भी खूबसूरत हो जायेगा,
अगर मिल जाये तुम्हारा साथ,
तुम मुझसे दूर इतने ,
फिर भी दिल के कितने पास ।