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Churaman Sahu

Romance Fantasy

4  

Churaman Sahu

Romance Fantasy

“एक .....ओ”

“एक .....ओ”

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         “एक .....ओ”


नींद से जागा हूँ, अभी लेकिन सपना टूटा नहीं है,

सुबह पहले उन्हें याद करने की आदत छूटा नहीं है।


साथ गुज़ारे हर पल, ओ कहानी याद रखता हूँ,

तुम्हारा दिया हुआ हर ओ निशानी याद रख़ता हूँ ।


पलट कर देख लो कोई भी पन्ना इस कहानी का,

बात कितनी भी पुरानी हो, ज़ुबानी याद रखता हूँ।


तन और मन दोनो भीगता रहा बारिश में,

खुद भीग कर एक छतरी से उन्हें बचाना याद है।


सच में भूला नहीं हूँ मैं, एक पल के लिए भी उन्हें, 

परछाई बनकर मेरा, उनके साथ चलना याद है ।


घर से जल्दी निकलना और देर से आना याद है,

साथ रहने के लिए क्लास बंक कर जाना याद है।


सर्दी के मौसम में पीछे सीट पर पकड़कर बैठना,

एक कप काफ़ी से दोनो का दिल बहलाना याद है।


तुम्हारे सिवा किसी और को कभी भी नहीं चाहा है,

तुम कही भी रहो, हमेशा खुश रहो यही दुआ माँगा है।


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