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Ajay Gupta

Drama Tragedy Children

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Ajay Gupta

Drama Tragedy Children

कुल्हाड़ी

कुल्हाड़ी

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कुल्हाड़ी ने ऐसे किया प्रहार 

जंगल कट गए

सब जीव हुए बेहाल 


हरे भरे पेड़ थी जंगल की शान 

ठूंठ ही रह गई उसकी पहचान 


कुल्हाड़ी अभी भले लकड़ी पा जाओगी 

भविष्य में तुम्हारा पेट भी ना भर पाओगी 


सबसे बड़ा दुःख यही लकड़ी ही लकड़ी को काटता 

लोहे के लालच में आ कर भाई ही भाई को मारता 

नया कुछ नहीं है इसमें हमने हर बार है देखा 

इंसान थोड़ी सी लिप्सा में प्रकृति माँ ही को जलाता 


चिड़ियां अब घोंसले कहाँ बनाएगी 

कातर हो खग ना जाने कहाँ जाएगी


जंगल का शेर अब जंगल कहाँ पाएगा 

देख गायब जंगल वह भी शहर में घुस जायेगा 


अन्य वन्य जीवों का भी होगा बुरा हाल 

खोजते पेड़ भालू पड़ा जमीन पर बेहाल 


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