ये रिश्ता ना टूट जाये...!
ये रिश्ता ना टूट जाये...!
बेपनाह चाहत हैं दिल में,
इनकार करने से डरता हूँ,
सच में तुमसे मोहब्बत करता हूँ,
पर इजहार करने से डरता हूँ !
डरता हूँ कहीं तुमसे,
ये रिश्ता ना टूट जाये,
इश्क़ का दामन अनबन में
ना छूट जाये!
ना छूट जाये साथ,
हाथों में हाथ रह के,
कोई लूट जाये सब कुछ,
हर बार अपना कह-कह के !
अपना कह-कह के,
लाख सपने दिखाया था,
दिल में जगह दी जिसको,
उसने ही घर जलाया था !
उसने ही घर जलाया था,
दोस्ती का हाथ बढ़ा के,
ख़ुद हँस रहा था,
मुझे इश्क़ की आग में जला के!
इश्क़ कि आग में जला के,
आशिक़ बना गया वो,
पास तो आज भी हैं वो मेरे,
पर मेरा नहीं रहा वो !
मेरा नहीं रहा वो,
किसी और का हो गया हैं,
ढूंढ़ता हूँ दिन-रात,
पर मिलता नहीं हैं,
पता नहीं कहाँ खो गया हैं !
कहा खो गया हैं वो,
जो नज़र नहीं आता हैं,
आँखें बंद हो फिर भी,
नज़र आ जाता हैं !