टुटे ख्वाब
टुटे ख्वाब
आंखों में रख लो
समेट कर टूटे ख्वाबों के टुकड़े
राहों में बिखरे रह गए तो
पैरों को ज़ख्मी कर देंगे
पड़ रह गए तो
दिल छलनी कर देंगे
तुम आगे बढ़ना चाहते हो
तो बात मेरी मानो जानां !
समेट कर अपने ख्वाबों को
तुम ज़रा सा मुस्कुराओ जानां !