STORYMIRROR

Anil Jaswal

Fantasy

4  

Anil Jaswal

Fantasy

सावन की आहट।

सावन की आहट।

1 min
414

बादलों का झुरमुट,

आकाश में घूमता,

जैसे कोई,

सुबह शाम टहलता।


मंद मंद हवा,

पेड़ पौधों को देती लुभा,

तापमान गिरता,

पसीने से छुटकारा मिलता,

टहनियां यूं हिलती,

सावन को,

जैसे बुलाती।


फिर अचानक,

बादल गुस्से में आता,

गड़गड़ गड़गड़ गड़गड़ कर गरजता,

उधर उसकी प्रेमिका बिजली,

कड़ी कड़ कड़ कड़ कड़ कड़ करती,

बादल और अपने,

प्यार की रोशनी जलाती,

दोनों में,

मोहब्बत की आग सुलगाती।


इससे बरसात पैदा होती,

सावन की,

बेटी कहलाती।


ये जैसे ही,

धरती को चूमती ,

इस आलिंगन से,

प्रकृति मुस्करा उठती।

सब पृथ्वी वासी,

बाहर आ जाते,

ढोल नगाड़ों से,

सावन के स्वागत में,

लग जाते।


हर तरफ मोहब्बत का,

पैगाम जाता,

हर धड़कन,

एक ही गीत गाती,

आज से,

मोहब्बत की पारी,

शुरू हो जाती।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy