"हम - तुम"
"हम - तुम"
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
दो कदम मैं चलूँ,
कुछ डंग तुम भी,
भर लो ना,
कुछ मैं बदलूँ,
कुछ तुम भी बदलों ना,
माना दो छोर हैं,
कभी नहीं मिल पायेंगे,
जीवन बहाव में,
बहते चलें जायेंगे,
कुछ मैं बहूँ,
थोड़ा तुम भी बहो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
इज़हार प्यार का,
करती हूँ तुमसें,
तुम निश्चल,
बैठे रहते हो गुम से,
कुछ मैं कहूँ,
दो शब्द तुम भी कहो ना,
प्यार से मेरा,
आँचल भर दो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
तन से तन का,
मिलन बहुत हुआ,
अब मन के तार छेड़ो ना,
रितापन जो रहा ज़िन्दगी में,
भावनायें उकेर भर दो ना,
मनमीत बन,
मेरी रूह को तृप्त कर दो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
बात - बात में बात बढ़ जाये,
तुम्हारी - मेरी ठन जायें,
बात - बतंगड़ बन जायें,
अधरों पे अधर रख,
मेरा मुँह बंद कर दो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
कुछ मैं झुकूँ,
कुछ तुम भी झुकों ना,
थोड़ा मेरा भी मान रख लो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
दो लोगों के बीच खड़ी हूँ,
मैं गलत तुम सही हो,
मेरी बात का समर्थन कर,
मेरा भी मान रख लो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
गलती होने से काँप जाती हूँ,
माजरा क्या है, भाँप जाती हूँ,
आँखें मत तरेरो,
कुछ मैं झुकूँ,
कुछ तुम झुकों,
अकड़ ढ़ीली कर,
कुछ कहो ना,
फासले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
ज़िन्दगी में कुछ ऐसे मुकाम भी आते हैं,
इंसा को तन्हा छोड़ जाते हैं,
तन्हाई के इस आलम में,
कुछ तुम गुनगुनाओं,
कुछ मैं गुनगुनाऊँ,
सूनेपन को कम कर दो ना,
खुशियों से मेरा दामन भर दो ना,
फाँसले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना,
पल - भर में अर्श पे मत चढ़ाओं,
पल - भर में फर्श पे मत गिराओं,
पुरुषत्व का अहम दिखा,
मेरी औकात मत गिनाओं,
मेरी हदें हैं कहाँ तक,
मैं जानती हूँ,
कुछ अहम तुम छोड़ो,
थोड़ा स्वाभिमान मैं छोड़ूँ,
दरारें जो हम - तुम में हैं,
वो भर दो ना,
"शकुन" फासले जो दरमियाँ हैं,
कुछ कम कर दो ना।

