Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ritu Garg

Tragedy Others

4.0  

Ritu Garg

Tragedy Others

रिश्तों को संभाले

रिश्तों को संभाले

1 min
225


जबसे बेटी के घर का पानी शुरू हुआ,

तब से उनका घर संसार सभी का टूटा।

मायके वाले की बातों से घर भर गया,

ससुराल में शंका का बीज घर कर गया।


अपने रिश्ते नाते सभी बातों के होते गए

और कड़वी घूंट के सहारे सभी जीते गए

कुछ कटु चुभन मन में हमेशा रहती रही

 मुख को सील कर जीते मरते रहे सभी।


तह तक पूछने का सिलसिला जारी रहा

कुछ कार्य हेतु प्रोत्साहन न कभी किया

बेटी घर पर खूब छप्पन भोग भी किया

और उसके घर को तिनका तिनका किया।


काश! अब भी वही होती परंपरा सभी

न किसी बेटी का घर उजड़ता कभी भी

बेटी के घर जाते हम सभी कभी कभी

और खुश रहती ससुराल में बेटियां सभी।


बिटिया के लाड प्यार ने अंधा क्यों किया

अपने हाथों से उसका घर उजाड़ ही दिया


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy