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Ritu Garg

Tragedy

4  

Ritu Garg

Tragedy

किसी एक के न होने से*

किसी एक के न होने से*

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किसी एक के न होने से,

खामोश हो जाती हैं सभी बातें।


निगाहें खोजती हैं हर वक्त,

 उनके होने के अहसास को ।


एक उनके न होने से,

उनकी ही याद आती है।


जो बिताएं उनके साथ पल,

 वो रह रहकर बहुत याद आते है।


जाने यूँ छोड़कर,

वो कहाँ चले जाते हैं। 


मन कहता है,आ जाओ,

एक बार आकर पास बैठ जाओ।


जरूरत है स्नेह भरे हाथों की,

जरूरत है प्यार भरी बातों की।


 एक आपके न होने से,

वो बातें न जाने कहाँ खो गई।


 सिर पर जो थी छाँव,

उसकी ठण्डक न जाने कहाँ गई।


मुस्कुराता चेहरा फिर आज,

छुप छुप कर आँसू बहाता है।


आपकी बातें दिल में समा गई,

यादों की पिटारी में बंद हो गई।


एक आपके न होने से,

मधुवन की खुशबू भी खो गई।



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