भावनाएं
भावनाएं
भावनाएं
बच्चों की जो भावनाएं,देख रही आसमां हो,
मातृ छाया मिलती हो, रंगीन मकान हो।
कदमों में पायल जो, झंकार सुमधुर हो,
सहज हो सुगमता, मंजूल समान हो।
आंखों की चमक कहे, चंदा की हो शीतलता,
मिठास हो लबों पर , देव गुणवान हो।
भारी बोझ दबते जो, अश्रु धार रूदन हो,
कैसे मुस्कुराहट हो, द्रवित जहान हो।
रेखा आड़ी तिरछी जो, बनी हो जीवन धारा,
बंजर ज़मीन पर, आरंभ प्रधान हो।
स्वपन जो होते नम, छाई परछाई दिखे,
कैसे जो ओझल होते, गर्जन महान हो।
नियम अनुसार जो, विकास की सुरक्षा हो,
अनुशासन अर्थ जो, हर्ष अनुमान हो।
अभाव प्रभाव देख, न द्वेष दुराभाव हो,
सद्भाव अनेक भरे, हरा खलिहान हो।