।।पर्दा।।
।।पर्दा।।
होते हैं कई काम पर्दे के पीछे।
लगता है छुपा कोई राज पर्दे के पीछे।
ये पर्दा है जो कई राज छिपा देता है।
ये पर्दा है जो कई शंकाएँ ला देता है।
पर्दे के पीछे प्यारी मुस्कान छिपा लेता है।
पर्दे के पीछे ही सुंदर चाॅ॑द छिपा लेता है।
हर कोई देखना चाहे पर्दे के पीछे क्या है।
पर्दे के ऊपर क्या है पर्दे के नीचे क्या है।
हर पर्दे का अपना एक कारण होता है।
कोई पर्दे के बाहर कोई भीतर होता है।
कुछ पर्दे होते जिनमें छिपी बुराई होती है।
कुछ पर्दों के अंदर छिपी अच्छाई होती है।
न कभी हटाना तुम पर्दे को पर्दे को पर्दा रहने दो।
पर्दे के भीतर के किस्से पर्दे में ही रहने दो।
पर्दे की सारी चीजें पर्दे में अच्छी लगती हैं।
निकली जो तलवार म्यान से बहुत भयानक लगती है।
मामूली चीज नहीं पर्दा है दुनिया से छुपा लेता है सब।
थोड़ा सा भी हटा जो पर्दा राज बता देता है सब।
पर्दे की तुम महिमा समझो पर्दा आँखों में रखो।
झाँके न कोई भीतर तेरे घर में भी एक पर्दा रखो।
