किताबों का प्यार
किताबों का प्यार
गर तुम कभी रूठ जाओ
उससे दूर जाने के लिए
वो और करीब आ जाए
सिर्फ तुम्हें मनाने के लिए
ऐसा प्यार किताबों में होता है
असल जिंदगी में नहीं
जो वादों में ही नहीं असल में
तन मन धन सब कुछ लुटाए
और जो अपने बातों पर
अक्सर खरा उतर कर दिखाएं
ऐसा प्यार किताबों में होता है
असल जिंदगी में नहीं
तुम्हारे अनमोल दिनों को
भरपूर तोहफों से सजाए
जो तुम्हारे दिल में हो वहीं
उसकी जुबान पर आ जाए
ऐसा प्यार किताबों में होता है
असल जिंदगी में नहीं
ना चाह कर छोड़ना चाहो तो
तुम्हें कभी भी छोड़ ना पाए
तुम कभी रो रहे हो और आंसू
उसकी आँखों से निकल आए
ऐसा प्यार किताबों में होता है
असल जिंदगी में नहीं।