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Gunjan Johari

Tragedy Fantasy Inspirational

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Gunjan Johari

Tragedy Fantasy Inspirational

मैं चला अब दूर तुमसे

मैं चला अब दूर तुमसे

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तिनका तिनका जोड़ कर 

घर था मैंने बनाया

एक पल बच्चों लगा नहीं

उस घर को मकान बनाने में

वो घर था मेरा एक सपना 

जो मकान समझ कर खो दिया

बसा था हर एक ईंट में

मुझको भी तो तुमने खो दिया 

नहीं था मैं ,पर था भी मैं 

उस छत में साया बनकर 

महसूस तुमने मुझे न किया

था मैं हर पल तेरे संग में

तुम खुश थे ,तो मैं खुश था 

तुम्हारे आंसू मैं रोता था

बड़े बड़े तूफानों में

निकाल लाया तुम्हें हर बवंडर से

पर सम्भाल न पाए

तुम मेरी धरोहर

मुझे भी आज तुमने 

खो दिया

अब न पाओगे संग कभी अपने

मैं चला अब दूर तुमसे


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