STORYMIRROR

PARNEESH MISHRA

Drama Fantasy

1  

PARNEESH MISHRA

Drama Fantasy

ख्वाब तारे है मेरे....

ख्वाब तारे है मेरे....

1 min
461


ख्वाब तारे है मेरे

पंखो से वहाँ तक जाना है

जो रुकना पड़े बीच में

तो अब्र से प्यास बुझाना है।


रात की चाँदनी में नहीं

मुझे धूप में तपकर जाना है

लोहा नहीं हूँ जो पिघलू

मुझे तो ख़ुद से सोना बनाना है।


ख्वाब तारे है मेरे

पंखो से वहाँ तक जाना है !


धरती दिखती नहीं है वहाँ से,

लोगों ने अब तक ये माना है।

धरती को वहाँ से देखना है,

मुझे लोगों को झुठलाना है।


ख्वाब तारे है मेरे

पंखो से वहाँ तक जाना है !


రచనకు రేటింగ్ ఇవ్వండి
లాగిన్

Similar hindi poem from Drama