ख्वाब तारे है मेरे....
ख्वाब तारे है मेरे....
ख्वाब तारे है मेरे
पंखो से वहाँ तक जाना है
जो रुकना पड़े बीच में
तो अब्र से प्यास बुझाना है।
रात की चाँदनी में नहीं
मुझे धूप में तपकर जाना है
लोहा नहीं हूँ जो पिघलू
मुझे तो ख़ुद से सोना बनाना है।
ख्वाब तारे है मेरे
पंखो से वहाँ तक जाना है !
धरती दिखती नहीं है वहाँ से,
लोगों ने अब तक ये माना है।
धरती को वहाँ से देखना है,
मुझे लोगों को झुठलाना है।
ख्वाब तारे है मेरे
पंखो से वहाँ तक जाना है !
