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PARNEESH MISHRA

Inspirational

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PARNEESH MISHRA

Inspirational

दोस्त......दोस्ती

दोस्त......दोस्ती

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जन्नत की मौत के लिए क्यों लड़े

अगर जहन्नुम में साथ मस्ती का जहाँ है

दोस्तों के साथ हारे तो गम नहीं

अकेली जीत में वो बात कहाँ है !


मजे-मजे में मजे ले जाये

दोस्ती वो कामिनी वफ़ा है

हर शाम जश्न के लिए तैयार सब

क्या पता कब तक साथ बंधा है !


जानेमन होने का एहसास न दे

दोस्तों की बातों में वो दुआ है

इश्क तो फ़िर भी ग़मगीन कर देगा

दोस्ती से सदा खुशनुमा समां है !


आज जिन्दगी बहुत कुछ माँगती है

दोस्ती मे भी स्वार्थ छिपा है

इतने बेरुखे क्यों बने हम

दिल से देखेंगे तो दोस्त

आज भी वही खड़ा है !!


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