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Vinita Singh Chauhan

Tragedy

4  

Vinita Singh Chauhan

Tragedy

अजन्मी बिटिया की पुकार...

अजन्मी बिटिया की पुकार...

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अम्माँ तेरी कोख में, दे जीवन उपहार।

तेरे अँगना मैं पलूँ, कर सपने साकार।


मैया कली बन खिलूँ, दे जनम अधिकार।

भैया की बहना बनूँ, न दे कोख में मार।


लक्ष्मी बनकर आऊँगी, तेरे आँगन द्वार।

मेरी साज़ सँवार कर, मैं तेरा अवतार।


माँ की गोद में मिले, जीवन को आकार।

भैया के संग खेलते, हो सपने साकार।


मेरे सपन सलोने,‌ अम्माँ तू मेरा संसार।

खुशियां संवारती, तू जीने का आधार।


कोख में आ गई हूं मां, मत कर तिरस्कार।

 परी बन आऊंगी मैं, तेरे घर परिवार।


गोद में छिपा ले, कन्या भ्रूण पर वार।

दे दे जीवन मुझे मां, नैनों से निहार।


टुकड़े कर दिये, ले हाथों में औजार।

कैसी है मानवता, सुने न मेरी चीत्कार।


बेटी जन्म न दीजो, प्रभु से करूं गुहार।

पीड़ा न समझे कोई, बड़ा निर्दयी संसार।



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