बचपन
बचपन
ए वक्त, मैं तुझसे नाराज़ हूं
मुझे घर गांव से दूरकर,
खत्म कर बचपन, बड़ा कर दिया।
गिल्ली डंडे, कबड्डी के दांव से दूरकर,
इंसानी रिश्तों के बीच खड़ा कर दिया।
पीछे छूट गया मेरा बचपन,
कोई मेरा बचपन लौटा दो...!
पिता की ऊॅ॑गली लौटा दो,
नानी की लोरी लौटा दो,
बचपन के साथी लौटा दो,
रंग बिरंगी तितली लौटा दो,
मीठे मीठे सपने लौटा दो,
पीछे छूट गया मेरा बचपन
कोई मेरा बचपन लौटा दो...!
मेरा आम का पेड़ लौटा दो ,
मेरे खेल खिलौने लौटा दो ,
मेरे छोटे छोटे कपड़े लौटा दो ,
मेरे पैसे का गुल्लक लौटा दो ,
मेरा वो गुब्बारे वाला लौटा दो ,
मेरे गांव की गलियां लौटा दो ,
पीछे छूट गया मेरा बचपन
कोई मेरा बचपन लौटा दो...!
कोई मेरा बचपन लौटा दो...!