आहिस्ता आहिस्ता
आहिस्ता आहिस्ता
क्यो जा रहा है मेरे दोस्त,
आहिस्ता आहिस्ता !
सवाल ए वसल पर,
तू क्यों खौफ में है इतना,
दबे पांव क्यों आता है,
तू आहिस्ता आहिस्ता !
मैंने तुझे चाहा इतना,
फिर भी तू क्यों,
जा रहा है,
आहिस्ता आहिस्ता !
हमारी ये अजोड़ दोस्ती पे,
नहीं उठता सवाल किसी का,
तू क्यों उठा रहा है सवाल,
आहिस्ता आहिस्ता !
मकता,
तेरी याद में "नीरव",
कितना तड़पेगा यह,
मुझे मत तड़पा तू,
आहिस्ता आहिस्ता !