जाते हैं
जाते हैं
कभी कभी हम तुम्हारे नाम पे भी पी जाते हैंं ,
और वो हर वक्त कहते हैं आओ कहीं जाते हैं।
थे हम वली और बनाया उसने बादाख़्वार ,
अब उसके दर पे हो जो वली वहीँ जाते हैं ।
मैकशी तो नही आती मीना मुझे तेरे जितनी ,
शब-ओ-रोज हम तेरे जाम पे ही जी जाते हैं ।
जीने के लिए एहतियाज नही आपकी "शाद" को
कभी कभी लोग हमारे नाम पे भी जी जाते हैं ।