हाये हाये
हाये हाये
कोरोने का जिक्र करके तु हमनशीं,
इक तीर मेरे सीने में न मार के हाये हाये।
आज़ाद है पंछी इस नीले गगनमे आज,
कैद है ये इन्सान इसबार के हाये हाये।
हर जगह फैल चुका है आज खौफ,
अज्जियत मे है सारा संसार के हाये हाये।
बात अब उस शैतान की न कर तु ए "शाद"
नही है इंसां को इसां पे एतबार के हाये हाये।