तू कभी सामने तो आ।
तू कभी सामने तो आ।
तू कभी सामने तो आ,
सामने मेरे आती कहाँ।
बातचीत बैठकर करते,
जो कहना मुँह पे कहो।
नाराज़ हो अगर सनम,
नाराज़गी ज़ाहिर करो।
जब कारण मालूम ना,
तो बात करनी जरूरी।
कदर तेरी करते बहुत,
प्यार तुझे करते बहुत।
तेरे लिए सब करना है,
तुम सदा ज़रूरी बहुत।
