STORYMIRROR

Anjana Singh (Anju)

Abstract

4  

Anjana Singh (Anju)

Abstract

अकसर ऐसा होता है

अकसर ऐसा होता है

2 mins
749

जिंदगी के सफर में

अकसर ऐसा होता है

सही हो जाते हैं फैसले

जो सोचा भी नहीं होता है


नीयत और मकसद साफ हो तो

वक्त भी अच्छा होता है

किसी ना किसी रूप में

साथ ईश्वर का होता है


रिश्ते नाते तितलियों जैसे

छोड़ा तो उड़ जाता है

पकड़ा जो उसे प्यार से

संग में रह जाता है


हवा का बयार आकर 

मन को वो‌ तृप्त सा कर

मुझमें ही रह जाता है

अकसर ऐसा होता है


कुछ सवाल कुछ सच्चाई को

पैसों से दबा दिया जाता है

उठने वाली आवाज को

हमेशा ही दबा दिया जाता है


अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों को

अकसर तड़पाया जाता है

गुनहगारों को अकसर

आजाद कर दिया जाता है


बेबस, बेरोजगार, लाचार को

यूं ही छोड़ दिया जाता है

दौलत के हुक्मरानों को

आगे ही बढ़ने दिया जाता है


काबिलीयत के रहते कमजोरों को

पैसे व बल से दबा दिया जाता है

धनाढ्य व्यक्ति को तो हमेशा

आगे बढ़ा दिया जाता है


बेतुकी खोखली बातों को

ईजाद किया जाता है

एक जिंदा इंसान को

बेरहमी से तड़पाया जाता है


जिसे समाज है सच कहता

वो हमेशा सच नहीं होता है

कभी जिसे झुठलाया जाता

वहीं तो सच होता है


दूर से जो देखें रेगिस्तान को

पानी सा नजर आता है

मगर पास जाने पर

मरुस्थल ही नजर आता है


जब जिस प्यार की तलाश हो

गर वो नहीं मिल पाता है 

तो जब भी मिलता है

जज़्बात कहां रह जाता है


अकसर मुस्कुराता चेहरा

उदास नज़र आता है

कभी ग़म से भरा चेहरा

मुस्कुराता नजर आता है


किस तरफ से आना और 

किस तरफ हमें जाना है

मन की राहें और नज़र 

सही राह दिखाता है


कभी फैसला मुश्किल होता है

जो कभी ना सोचा होता है

वहीं फैसला बेहतर होता है

जो वक्त ने दिया होता है


जिंदगी में खुद का फैसला भी

गैरों का मोहताज होता है

मिलावटी इस दुनिया में

अक्सर ऐसा होता है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract