अकसर ऐसा होता है
अकसर ऐसा होता है
जिंदगी के सफर में
अकसर ऐसा होता है
सही हो जाते हैं फैसले
जो सोचा भी नहीं होता है
नीयत और मकसद साफ हो तो
वक्त भी अच्छा होता है
किसी ना किसी रूप में
साथ ईश्वर का होता है
रिश्ते नाते तितलियों जैसे
छोड़ा तो उड़ जाता है
पकड़ा जो उसे प्यार से
संग में रह जाता है
हवा का बयार आकर
मन को वो तृप्त सा कर
मुझमें ही रह जाता है
अकसर ऐसा होता है
कुछ सवाल कुछ सच्चाई को
पैसों से दबा दिया जाता है
उठने वाली आवाज को
हमेशा ही दबा दिया जाता है
अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों को
अकसर तड़पाया जाता है
गुनहगारों को अकसर
आजाद कर दिया जाता है
बेबस, बेरोजगार, लाचार को
यूं ही छोड़ दिया जाता है
दौलत के हुक्मरानों को
आगे ही बढ़ने दिया जाता है
काबिलीयत के रहते कमजोरों को
पैसे व बल से दबा दिया जाता है
धनाढ्य व्यक्ति को तो हमेशा
आगे बढ़ा दिया जाता है
बेतुकी खोखली बातों को
ईजाद किया जाता है
एक जिंदा इंसान को
बेरहमी से तड़पाया जाता है
जिसे समाज है सच कहता
वो हमेशा सच नहीं होता है
कभी जिसे झुठलाया जाता
वहीं तो सच होता है
दूर से जो देखें रेगिस्तान को
पानी सा नजर आता है
मगर पास जाने पर
मरुस्थल ही नजर आता है
जब जिस प्यार की तलाश हो
गर वो नहीं मिल पाता है
तो जब भी मिलता है
जज़्बात कहां रह जाता है
अकसर मुस्कुराता चेहरा
उदास नज़र आता है
कभी ग़म से भरा चेहरा
मुस्कुराता नजर आता है
किस तरफ से आना और
किस तरफ हमें जाना है
मन की राहें और नज़र
सही राह दिखाता है
कभी फैसला मुश्किल होता है
जो कभी ना सोचा होता है
वहीं फैसला बेहतर होता है
जो वक्त ने दिया होता है
जिंदगी में खुद का फैसला भी
गैरों का मोहताज होता है
मिलावटी इस दुनिया में
अक्सर ऐसा होता है