हम तुम
हम तुम
शुरू किया था जो
साथ चलने का सफर हमनें
लेकर हाथों में हाथ
मिली खुशियां मिलें सपने
मिला अपना सुंदर साथ
करता रहा झंकार
अपनें मन का घर द्वार
खिलती रही जिंदगी में कलियां
लेकर आई रंगरलियां
रोशन हुआ अपना जीवन
खुबसूरत सा है अपना ये बंधन
जीवन में कभी समझ ना आया
क्या हार है क्या जीत है
सुख-दुख के संग चलते रहे हम
शायद यही दुनिया की रीत है
बस यही तो अपनी प्रीत है
जिंदगी की धार में
हम तुम सदा बहते रहे
जो क
ुछ जीवन में मिला
मिलकर हम तुम सहते रहे
कभी चांदनी में हम तुम
चांदनी से भीग गए
पुलकित सी ज्योत्सना में
कोई गीत हसीन गुनगुना गए
आओं जी भरकर इकरार करें
हम तुम खुद को तैयार करें
छोड़ जमाने की झंझट बस
अपना घर आंगन गुलजार करें
बर्षो पहले हम तुम मिलकर
ख्वाब जो संजोए थे
मिलकर हमनें कुछ किए पूरे
आगे भी हम तुम मिलकर
बाकि सपने पूरे करेंगे
हर परिस्थिति में खुद को
हम तुम सदा तैयार मिलेंगे।