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Anjana Singh (Anju)

Abstract

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Anjana Singh (Anju)

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एक लेखक

एक लेखक

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एक लेखक के मन में

ना जाने कितनी ही 

बातें उठती हैं 

कभी कोई कविता तो 

कभी कोई कहानी रचती है

लेखक की लेखनी और रचनाएं

उसकी संपत्ति होती है

एक लेखक होना भी 

कहां आसान होता है

उसके लिए तो थोड़ा भी 

सारा जहां होता है

लेखक अपनी रचनाओं में 

कई ख्याल लिखता है

वह अपनी रचना में 

मन में छुपे ना जाने कितने ही

सवाल लिखता है

मन के नर्म कोमल भाव को

कागज पर उतार कर वो

जैसे रेशमी रुमाल लिखता है

शब्दों को मोती में पिरो कर

वह तो एहसासों के जाल लिखता है

जो देखा ना हो किसी ने

 वह बवाल भी लिखता है

लेखक वह लौ है 

जो जल जल के

अंजुमन की हर चाल लिखता है

जज्बातों को वो अपने

रचनाओं में पिरोकर

दिल का हर मलाल लिखता है

गम आंसू और पीड़ा

कभी वेदनाओं को लिखता है

दिल में दर्द भरा हो पर 

आंखों से कहां वो रोता है

‌ लोग चाहे जो भी कहे

लेखक मतवाला होता है

दुनिया की हर बात को

वो तो लिखने वाला होता है

अपने युग का सच लिखकर 

वह इतिहास बनाता है

किताबों की दुनिया में

सैर कराने वाला

लेखक एक पतवार होता है।


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