कुछ शब्द हो जज़्बात भरें
कुछ शब्द हो जज़्बात भरें
कुछ दिल को हो छूने वाले
कुछ मन को टटोलने वाले
प्रेम स्नेह में हो डूबे
कुछ हो दिल्लगी से भरें
कुछ शब्द चाहिए जज़्बात भरें
कभी वफा का दम भरें
कभी दर्द को कुछ कम करें
कभी आंखें भी नम करें
कभी चेहरे पर मुस्कान भरें
कुछ शब्द चाहिए जज्बात भरें
कभी होठों पर दुआ भरें
कभी हो हसरत से भरें
कभी कुछ शिकवा भी करें
पर जिंदगी में हो रंग भरें
कुछ शब्द चाहिए जज्बात भरें
कभी अनचाही खामोशी को तोड़े
और मन में कुछ उमंग भरे
दिल के राज खोलकर
अंतर्मन को तृप्त करें
कुछ शब्द चाहिए जज्बात भरें
जिंदगी में सब कुछ हमारे
नहीं होते आंखों से ही बयां
नहीं पढ़ पाता हर वक्त
कोई किसी का मन
जरूरत पड़ती है जताने की भी
जो दिल को हमारे तृप्त करें
कुछ शब्द चाहिए जज़्बात भरे।