सुखद एहसास क्षणभर का
सुखद एहसास क्षणभर का
कुछ अनकही सी बात
कुछ प्यार भरें जज़्बात
कुछ अनछुई सी यादें
जब निकलती हैं
अंतर्मन के कोने से
खो जाते हैं हम उसमें
जैसे सागर की हो गहराई
जिन ख्वाबों से हम
कभी मिल नहीं पाते
जिंदगी की हकीकत में
उन्हें हम ढूंढ लेते हैं
यादों के भंवर में डूबकर
खो जाते हैं उस दुनिया में
मीठा सा अहसास लेकर
कभी दिल ये कहता
ये होता तो ऐसा होता
वो होता तो वैसा होता
तभी मन का भ्रम टूटता है
अतीत से वर्तमान में आता है
ये कुछ सुखद एहसास क्षण भर का
जादुई अहसास जगाता है
मन खुद को समझाता है
कुछ अनकही कुछ अनछुई
बातों का सिलसिला
दिल को छू जाता है
सुखद एहसास दिलाता है।