शिवाजी की शौर्य गाथा”
शिवाजी की शौर्य गाथा”
कुशल रणकुशलता और अद्भुत सैन्य शक्ति के,
प्रखर सजग संवाही थे,
शौर्य, पराक्रम वीरता और अदम्य साहस के प्रवाही थे,
हाँ ! सचमुच वीर शिवाजी राष्ट्रवाद के प्रबल उत्साही थे।
स्वाधीनता की लहर थे वो,
सर्वोच्च बलिदान की प्रति मूर्ति थे
वीर शिवाजी नाम था उनका, बलिदानी की प्रति मूर्ति थे।
जिन्होंने अपनी सूझबूझ चतुराई से,
मुग़लों को भी धूल चटाया,
अपनी कुटनीज्ञता से स्वयं का विशाल समाज बनाया!
दुश्मनों के तोरण के वो भेदक थे,
हिन्दवी साम्राज्य के वो उत्प्रेरक थे।
आम जन के उद्धारक थे वो, जन – जन के प्रजापति थे
वीर शिवाजी नाम था उनका, वे अखंड भारत के प्रजापति थे।।