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Madhu Vashishta

Action Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Inspirational

ठहरे हुए जज्बात

ठहरे हुए जज्बात

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ठहरे हुए जज्बात अब बयां करने से क्या होगा। 

जाने अब मुझ में और तुझ में कितना फासला होगा।

उस ठहरे हुए जज्बात सा मनोभाव अब कहां होगा? 

अनजाने ही जब मनों ने बात की होगी तो जाने किसका मन ज्यादा दुखा होगा?

अब उस जज्बात को पेश करने से भी क्या होगा? 

चलो मुस्कुरा कर अपने अपने रास्ते चल देते हैं हम दोनों।

मन की किसी कोने में उसे ठहरे हुए जज्बात को दफन कर देते हैं हम दोनों।

जीवन की इस राह में बढ़ चलते हैं हम दोनों। 

कभी मिले तो देखेंगे कि इस मिलने का सिला क्या होगा? 



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