यादगार चाय पार्टी
यादगार चाय पार्टी
समय है सुहाना सुहाना
खोला है यादों का पिटारा ।
साथ बैठकर पीने खाने पीने का मजा मजा है अनेरा।
तो हमें याद चाय पार्टी याद आ गई।
आज वह यादगार चाय पार्टी याद आ गई।
भाभी हमारी बहुत बीमार थी।
खाली 4 दिन के लिए मैं जयपुर गई।
दिन पूरा हॉस्पिटल में बीत जाता था।
पड़ोस वाली प्यारी भाभी डॉक्टर दोस्त बोली आप दिन की जगह रात को आ जाओ ना।
मेरी एक दोस्त और आई हुई थी।
भाभी बोली अपन तीन मिल बैठ करेंगे पार्टी थोड़ी गपशप करेंगे।
थोड़ी चाय पकौड़ी खाएंगे।
पूरा समय साथ बिताएंगे।
मैंने भी सोचा रात का समय अपना है।
क्यों ना पार्टी का मजा लिया जाए।
भाभी और दोस्त के साथ बैठकर कुछ गुफ्तगू कर ली जाए।
और भाई साहब से इजाजत लेकर हम उधर पहुंच गए
रात 12:00 तक हमने बहुत पार्टी मनाई।
चाय पार्टी खाना सब खाया।
बहुत मजा आया।
यादगार समय हमने साथ में बिताया।
इस बार गए तब वापस उस बात को याद कर मन है हर्षाया।
क्योंकि हमेशा सुबह की चाय हम साथ पीते थे, और वह ना मिला तो हमने रात का समय है चुराया।
और सुंदर सुनहरी यादों का एक मंजर बनाया।
