अनमोल खोजों से जीवन हुआ सरल
अनमोल खोजों से जीवन हुआ सरल
चूल्हे की आँच से गैस की लौ तक,
समय ने बदली रसोई की शान;
कुकर ने दिया सहारा,
सुविधा का मिला सम्मान।
चिट्ठी चली थी हवाओं संग,
अब संदेश पलक झपक में आए;
मोबाइल ने बाँधी दुनिया एक,
ज्ञान के दीप हर घर जगमगाए।
ऑनलाइन हाथों में बाज़ार,
नेट बैंकिंग जीवन का आधार;
तकनीक बनी आशीर्वाद,
पर सतर्कता का भी है पहरेदार।
अनमोल खोज यही सिखाती —
सुविधा संग सजगता हो साथ;
जीवन आगे बढ़ता है जब,
ज्ञान और समझ दोनों हों पास।
स्वरचित कविता
