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Arti Somani

Action

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महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप

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चेतक री टा पा टप टप जौहर

रीआठे ज्वाल

धन धन इण रा सूरमा धन 

धरती मेवाड़,


गढ़ तो कुंभल भलो ऊं चो

गढ़ चित्तौड़,

शीश  कट्यो धड सूं लड्यो 

वो कल्लो जीवन जोर।


मेवाड़ी पाग़ सदा ऊंची जग 

में उंचों इन रो नाम,

एकलिंग रा दीवान ने म्हारो 

बारम्बार प्रणाम।


 जब शीत निशा में तमसी बादल

उमड़ घुमड़ कर आए थे,

हाथ को हाथ नहीं सूझा सभी 

सनातनी घबराए थे,


जब धर्म नष्ट कर अधर्मी  

अस्तित्व मिटाने वाला था,

पर भ्रम में था हिंदू कुल का 

अरुणोदय होने वाला था।


मेवाड़ी पा ग सदा ऊंची

एकलिंग का दीवान था वह, 

कुल शिरोमणी कहलाया  

भारत का सम्मान था वह,


उसकी स्वर्णिम आभा से

संसार आलोकित होता है,

इस वीर प्रसूता भूमि का 

बेटा* प्रताप* वह होता है।


महान स्वाभिमानी,

क्षत्रिय कुलभूषण, 

माँ भारती के वीर सपूत,

सनातन धर्म की आन-बान-शान, 


वीर शिरोमणि मेवाड़ी राणा 

 महाराणा प्रताप जी की 480वीं जयंती 

के अवसर पर आप सभी

को हार्दिक शुभकामनाएं। 


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