अनंत आकाश – रहस्य और रोमांच का सफ़र
अनंत आकाश – रहस्य और रोमांच का सफ़र
अनंत आकाश – रहस्य और रोमांच का सफ़र
प्रस्तावना
बचपन से ही अनंत आकाश हमारा साथी रहा है। कभी चाँद में बुढ़िया नजर आती थी, कभी तारों में हमारी कल्पनाएँ उड़ान भरती थीं। यह आसमान अपने भीतर अनगिनत रहस्य छिपाए बैठा है। आज भी जब हम इसे देखते हैं, तो मन में वही पुराना रोमांच फिर जग उठता है।
कविता
अनंत आकाश की क्या बात करूं!
कितने रहस्य और रोमांच की बातें इसमें छिपी हुई हैं।
तरह-तरह के ग्रह, उल्काएँ, चाँद-तारे, सूरज और न जाने कितना कुछ—
जो हमेशा वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है।
मनुष्य अपनी वैज्ञानिक बुद्धि से
हमेशा इसके भीतर झांकने की कोशिश करता रहा है।
इस अनंत आसमान की क्या ही बात करें!
खुशनसीब हैं हम,
कि हमारे हिस्से यह विशाल आकाश आया है।
बचपन से ही हम इसमें चाँद-तारों और ग्रहों को देख-देखकर
अनगिनत कल्पनाएँ बुनते रहे हैं।
पहली बार जब मैं हवाई जहाज़ में बैठी,
तो बादलों के बीच उड़ता जहाज़ मुझे रोमांचित कर रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे मैं आसमान में ही उड़ रही हूँ।
उस पल ने आकाश के रहस्य और भी करीब ला दिए।
चाँद में बैठी बुढ़िया की कहानियाँ तो
कितनी बार सुनीं और सुनाई हैं।
हमारा दिल हमेशा रोमांच से भर जाता था।
सूर्य ग्रहण के समय
हम कार्बन पेपर से लेंस जलाने की कोशिश करते,
और जब वह जल जाता तो ताली बजाकर हँस पड़ते।
आज फिर वही बचपन याद आ गया।
अनंत आकाश में कितना कुछ छिपा है—खोज जारी है।
और उसी खोज का नतीजा है कि
आज मनुष्य ग्रहों तक पहुँच गया,
सैटेलाइट आकाश में भेजे, दुनिया को जोड़ दिया—
क्या यह कोई छोटी बात है?
अनंत आकाश के रहस्यों पर बहुत से प्रयास चल रहे हैं।
वैज्ञानिकों के दिमाग आज भी न जाने क्या-क्या कर रहे हैं।
यह खगोल विज्ञान का विषय है, और इसमें हमारा ज्ञान भले कम हो,
लेकिन बचपन से इसे जानने की जिज्ञासा बहुत रही है।
आज भी जब इस पर कोई प्रोग्राम देखते हैं या कोई लेख पढ़ते हैं,
तो मन खुशी से भर उठता है।
इस अनंत आसमान को निहारने की चाह
हमेशा मन में जागती रहती है।
यह आकाश सिर्फ ऊपर नहीं, हमारे भीतर भी है—और उड़ान अभी बाकी है।
एक लाइन में हम यह कह सकते हैं कि
“अनंत आकाश — जहाँ कल्पनाएँ भी पंख लगा कर उड़ती हैं।
“आसमान सिर्फ ऊपर नहीं, हमारी उड़ान में भी बसता है।”
“अनंत आकाश—खोज अभी जारी है।”
“आसमान के हर रंग में छिपा है बचपन का रोमांच।”
स्वरचित कविता वैचारिक कविता
