कहां जा रहा है ?
कहां जा रहा है ?
जो खोया हुआ है, उसे आज पा लें
चलो आज, खुद से ही, खुद को सम्हालें
समझता है जो, आदमी को खिलौना
उसे, अपने भीतर से बाहर निकालें
दरख्तों पे आके, जो टूटी न सांसें
उसे कैसे कर दूँ, गमों के हवाले
नज़र क्यों झुकी है, नगर हरने वाले
दो इक बार ही बस, नज़र तो मिला ले
ये बहरों की बस्ती है, चिल्लाऊं किस पे
ये अच्छा है मौका, तू मुंह को छुपा ले
है ये प्यास कैसी, जो बुझती नहीं है
लहू के समंदर, जो सोखे लिए है
ये वीरां शहर, कर दूँ, किसके हवाले
कहां जा रहा है, तू, उम्मीद पाले
सड़कें चीखती हैं, चीखते हैं निवाले
कहां जा रहा है, तू, ऐ जाने वाले
ठहर जा, कि क्यों आ गया था यहां पर
दुआ लेता जा, बद्दुआ देने वाले
कि एक बात तो सच ही है, इस शहर में
हुआ ना किसी का, रहे, जाने वाले
कि किसने हैं देखे, तेरे तर के छाले
वो सपने कहां है, किसे बेच डाले ?
वहां क्या मिलेगा, जहां जा रहा है
कहां जा रहा है, तू, किसको सम्हाले