क्या सरल है? क्या कठिन है?
क्या सरल है? क्या कठिन है?
धूप में चलना कठिन है ?
छांव में गलना कठिन है ?
क्या सरल है, क्या कठिन है,
ये बता पाना कठिन है।
ताप में चलना कठिन क्या,
ताप में जलना कठिन क्या !
ताप शोषित कर लिया तो,
ताप को धरना कठिन है।
कल कठिन था, अब सरल है
कल सरल था, अब कठिन है !
क्या सरल है, क्या कठिन है
ये बता पाना कठिन है।
प्रात का अरुणिम उजाला
दोपहर की अग्नि - शाला !
एक रवि, पर, दो पहर हैं
ये समझ पाना कठिन है।
क्या सरल है, क्या कठिन है,
ये बता पाना कठिन है।
सत्य कह पाना सरल है,
सत्य सह पाना कठिन है !
सत्य की आशा सरल है,
सत्य अपनाना कठिन है।
क्या सरल है, क्या कठिन है,
ये बता पाना कठिन है।
अमिय, प्रिय किसको नहीं है,
आत्ममंथन ही कठिन है !
आत्ममंथन साध्य भी हो,
विष पचा पाना कठिन है।
क्या सरल है, क्या कठिन है
ये बता पाना कठिन है।
विश्व की निंदा सरल है,
स्वयं पर हँसना कठिन है !
अश्रुमय करना सरल है,
पर, हँसा पाना कठिन है।
क्या सरल है, क्या कठिन है,
ये बता पाना कठिन है।
घात करना तो सरल है,
घात सहना ही कठिन है !
आस्था किंचित सरल है,
बस, बचा पाना कठिन है।
क्या सरल है, क्या कठिन है
ये बता पाना कठिन है !
मेघ सम गर्जन सरल है,
मेघ सम वृष्टि कठिन है!
अक्षि - सुख रोचि सरल है,
रोचि सम दृष्टि कठिन है !
भाव का अंतर प्रिये यह,
सब सरल है, सब कठिन है !