ये क्या बिक रहा है??
ये क्या बिक रहा है??
जमीं बिक रही है,
मकां बिक रहा है
किसी का रचा,
आसमां बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
सीखने में, गंवाई
उमर थी, जो हमने
कि, उसका यहां,
सबब, बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
अमन, बिक रहा है
चमन, बिक रहा है
जयचंदों की खातिर
वतन, बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
उगल दी थी, हमने
तो, बंदूक - ए - चर्बी,
समुंदर का थूका
नमक बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
किसी ने संजोए थे
जी भर के सपने,
किसी में समाया
हुनर बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
मैं कुछ बेचना चाहता हूं
यहां पर, यहीं पर,
नहीं पूछिएगा, कि
क्या बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
नहीं बिक रहा है
वो ईमान है,
कि इंसान भी तो
यहां बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
मुझसे, मेरे रोने का
हक बिक रहा है,
न पूछो, कहां, कैसे
कब, बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
खरीदो, न बेचो
तुम्हारी रज़ा है,
कि बाज़ार में तो
शहर, बिक रहा है!!
ये क्या बिक रहा है?
मैं फिर पूछता हूं
ये क्या बिक रहा है,
मैं फिर सोचता हूं
ये क्या बिक रहा है??
मैं बाज़ार में यूं ही
निकला था सज कर,
फटी रह गईं आंखे मेरी
ये तक कर, यहां पर तो
सारा जहां बिक रहा है!!
ये...क्या बिक रहा है??
