सफर
सफर
कभी कभी निकलते हैं हम ऐसे सफर पर
जिसके रास्ते तो बेहद खूबसूरत लगते हैं
परंतु वो किसी मंजिल तक नहीं ले जाते।
वो अनियोजित यात्राएं जिन पर जाना तय नहीं
क्योंकि हमारा एक सफर पर रहना तय था
जो की ज़रुरी नहीं जो मानचित्र तैयार किया गया है
उसी मील और दिशा के साथ वो मुकम्मल हो.
कुछ तेज हवाएं जो आती हैं अपने वेग से
सिर्फ तबाही नहीं करती बदल देती हैं बहुत कुछ
इतना के फिर से परियोजना बनाना
असंभव प्रतीत होता है.
ठहरने की आस में निकल आते हैं बहुत दूर
जहां से वापस जाना भी कल्पना मात्र है.
