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Karishma Gupta

Abstract Fantasy

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Karishma Gupta

Abstract Fantasy

स्मृतियां

स्मृतियां

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केवल संवाद से नहीं बनती स्मृतियां 

ये जाना मैंने

जब रही तुम्हारे मौन में साथ 


महसूस करना तुम्हें 

तुम्हारी अनुपस्थिति में भी 


सफ़र करना नहीं किन्तु 

कहीं ठहर जाना साथ तुम्हारे 

एक सुखद स्मृति जैसा है


साहित्याला गुण द्या
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